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पानी का असली स्वाद तब पता लगता है जब हम बहुत प्यासे होते हैं। ठीक उसी तरह प्रेम और सहयोग का पता तब चलता है जब हम बहुत कठिनाई में होते हैं।
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अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं अकेले हम कागज हैं, मिल जाएं तो किताब हैं जीवन का आनंद मिलजुल कर रहने में है खुश रहो खुशिया बाँटते रहो।
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सच्चे व्यक्ति का व्यक्तित्व नमक की तरह अनोखा होता है, जिसकी उपस्थिति याद नही रहती, मगर उसकी अनुपस्थिति प्रत्येक चीज को बेस्वाद बना देती है।
सच्चाई और अच्छाई की तलाश में पूरी दुनिया घूम लो, अगर वह खुद के अंदर नही है, तो फिर वह आपको कहीं नही मिल सकती।