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"भाग्य बारिश का पानी है और परिश्रम कुंए का जल।" बारिश में नहाना आसान तो है लेकिन रोज नहाने के लिए हम बारिश के सहारे नहीं रह सकते। इसी प्रकार भाग्य से कभी-कभी चीजे आसानी से मिल जाती है किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी सकते।
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खुश होना बहुत सरल है, किन्तु सरल होना अत्यन्त कठिन है।
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जमीन अच्छी हो खाद अच्छा हो परन्तु पानी खारा हो तो फूल खिलते नही, भाव अच्छे हो कर्म भी अच्छे हो मगर वाणी खराब हो तो संबंध कभी टिकते नही !
“उम्मीद” हमारी वह शक्ति है,जो हमें उस समय भी प्रसन्न बनाये रखती है। जब हमें मालूम होता है। कि “हालात” बहुत खराब हैं।