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"वाणी" और "पानी" दोनों में ही "छवि" नज़र आती है "पानी" स्वच्छ हो तो "चित्र" नज़र आता है "वाणी" मधुर हो तो "चरित्र" नज़र आता है।
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प्रभु का रास्ता बड़ा सीधा है और बड़ा उलझा भी, बुद्धि से चलो तो बहुत उलझा, और भक्ति से चलो तो बड़ा सीधा। विचार से चलो तो बहुत दूर , और भाव से चलो तो बहुत पास, नजरो से देखो तो कण कण मे , औरअंतर्मन से देखो तो जन जन में।
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विद्वत्ता पर कभी घमण्ड न करें, यही घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है। दो चीजों को कभी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए अन्न के कण को "और" आनंद के क्षण को।
अच्छी भूमिका अच्छे लक्ष्य और अच्छे विचारों वाले लोगो को, हमेशा याद किया जाता है, मन में भी, शब्दो में भी और जीवन में भी।