वैश्विक स्तर पर महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment), नारी उत्थान (Women devlopment), स्त्री विमर्श आदि के दौर में क्या अभी भी इनके प्रगति के रास्ते उतने ही सहज हैं जितने का दिखावा विभिन्न मंचों पर, बड़ी-बड़ी विचार गोष्ठियों में, सेमिनार-सम्मेलनों आदि में देखने-सुनने...
साहित्य (Literature) का अविर्भाव समाज से ही होता है जिसे साहित्यकार अपने भाव के साथ मिलाकर उसे एक आकार देता है। यही रचना समाज के नवनिर्माण में पथ-प्रदर्शक की भूमिका निभाने लगती है। साहित्यकार वह सशक्त माध्यम है जो समाज को व्यापक रूप से प्रभावित करता है। वह समाज में...
स्वास्थ्य मनुष्य का अमूल्य धन होता है,एक स्वस्थ व्यक्ति मेहनत करके सफलता के शिखर को छू सकता है। परंतु स्वास्थ्य बिगड़ जाने पर व्यक्ति अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं कर पाता, ऐसी स्थिति में हमें डॉक्टर की मदद लेनी पड़ती है। डॉक्टर का जीवन सेवा और साधना का होता है।...
वर्तमान दौर में निजता की परिधि इतनी संकुचित हो गई है कि उसकी सूनी गुफाओं में मानवता का दम घुटता नजर आता है। समाज के प्रत्येक क्षेत्र में सेवारत व्यक्ति अपने एवं अपनों के मोह से ही नहीं उबर पा रहे हैं ऐसी हालात में सबसे निचले पायदान पर खड़े, लड़खड़ा रहे व्यक्ति तथा...
भारत कृषि प्रधान एवं ग्रामीण प्रधानता वाला देश है। आबादी का एक विशाल हिस्सा अभी भी गाँव में रहता है। यह एक दुर्भाग्य का विषय है कि काफी संख्या में गरीब, बेरोजगार आज भी हमारे देश में हैं और अत्यंत ही खेद का विषय यह है कि देश के हर कोने में भीख मांगने वालों की भी बड़ी...
पुलिस बल एक ऐसा निकाय है जो राज्य द्वारा निर्मित कानूनों को लागू करने, संपत्ति की रक्षा और नागरिक व्यवस्था को सुरक्षित रखने का कार्य करती है। पुलिस को प्रदान की गई शक्तियों में वैध बल का उपयोग भी शामिल है। जैसे-जैसे हमारी व्यवस्था विकसित होती गई उसी प्रकार विविध...