हस्ताक्षर में जीवन का प्रतिबिंब देखने वाले कर्म योगी : श्री दीपक राठौर जी

हस्ताक्षर में जीवन का प्रतिबिंब देखने वाले कर्म योगी : श्री दीपक राठौर जी

किसी भी मनुष्य द्वारा हस्ताक्षर करते समय उसका चित्त एवं मनोवृति तथा प्रकृति के बीच एक अलौकिक नाता हो जाता है, भले ही वह अत्यल्प समय के लिए ही होता है, इसीलिए व्यक्ति द्वारा जो हस्ताक्षर किया जाता है उसमें उसके समस्त मनोभाव अंतरित हो जाते हैं। यह बात अलग है कि...