उत्तराखंड की वादियों को तो प्रकृति ने अपने प्राकृतिक स्वरूप में काफी समृद्ध बनाया है लेकिन उसी प्राकृतिक छटावों के बीच गरीबी से अभिशप्त दर दर की ठोकर खाते भीख मांगते बच्चों को जब एक युवती देखती हैं तो उन्हें अपने बचपन के संघर्ष में दिन याद आ जाते हैं और वह भावुक हो...
दृष्टि बाधित होने के नाते खेल न सपने वाले, मनोरंजन नहीं कर पाने वाले, छात्रों के लिए ब्रेल लिपि में गेम्स की पुस्तक का प्रकाशन स्वयं के खर्च पर कराकर, देश के लगभग 40 शहरों में घूम घूम कर छात्रों के बीच में उसका निशुल्क वितरण करना ,देश के छात्र-छात्राओं को देश की...
ममत्व के नायाब खजाने से प्रकृति ने मात्र माँ को ही नवाजा है। इस खजाने के अक्षय कोष का अमृत रूपी रसपान करने का सौभाग्य अनेक मनुष्यों को नहीं मिल पाता है। परमपिता परमेश्वर समय-समय पर धरती पर ऐसी देवियों को भेजते रहते है जो अनाथ और बेसहारा लोगों के लिए माँ के आंचल का सुख...
गरीब बच्चों की पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था कराना ,वृद्ध बेसहारा जनों की देखरेख की जिम्मेदारी उठाना, दृष्टिबाधित जनों की हर तरह से मदद करना, दिव्यांग जनों को विविध प्रकार के उपकरण आज की व्यवस्था कराना, नेत्रदान तथा देहदान के लिए लोगों को जागरूक कराना, मतदान जैसे राष्ट्रीय...
पीढ़ी दर पीढ़ी मानव सभ्यता का चलते जाना, मनुष्य की सृजनशीलता के कारण ही होता है। इस सृजनहार शक्ति का आधार बिंदु एक स्त्री होती है। इसी प्रकार संपूर्ण प्रकृति की शक्ति का आधार नारी को माना जाना कतई अनुपयुक्त नहीं होगा। संतान को अपने पेट में पालने से लेकर उत्पत्ति तक की...
पुलिस की वर्दी देखते ही क्रूर, संवेदनहीन, करुणा दया से रहित मनुष्य का चेहरा सामान्य तौर पर मन मस्तिष्क में उभरता है। यह सत्य है कि सामाजिक मूल्यों में अवमूल्यन आने से अन्य क्षेत्रों की तरह पुलिस महकमे में भी आने वाले व्यक्तियों पर इसका असर पड़ना आस्वाभाविक नहीं था...