योग का नवोदित सूर्य: योगी राम रस रामस्नेही

योग का नवोदित सूर्य: योगी राम रस रामस्नेही

योग गुरु पूज्य स्वामी रामदेव जी (Yog guru swami Ramdev ji) आज भारत ही नहीं वरन् पूरी दुनिया में योग के क्षेत्र के सबसे बड़े नाम है, उनके नाम पर बड़े-बड़े विश्व रिकॉर्ड्स दर्ज है एवं दुनिया उनसे योग सीखती है। जब कभी स्वामी जी स्वामी जी नौली क्रिया का प्रदर्शन करते है...
प्रकृति का नया प्रहरी: बिंदु भूषण दुबे

प्रकृति का नया प्रहरी: बिंदु भूषण दुबे

देश के विभिन्न अंचलों में मात्र डेढ़ वर्ष के अंदर ही स्वच्छता हेतु 300 से भी अधिक कार्यशाला संपन्न कराकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लेना सामान्य तौर पर संसाधन संपन्न शासकीय संस्थाओं के लिए भी सरल नहीं होता है, किसी व्यक्ति विशेष द्वारा अपने आत्मबल पर यह कार्य किया जाना तो...
चिकित्सक के रूप में देवदूत:  डॉक्टर सुनील कालड़ा

चिकित्सक के रूप में देवदूत: डॉक्टर सुनील कालड़ा

छत्तीसगढ़ प्रांत में प्लास्टिक सर्जरी (plastic surgery) के पितामह के रूप में विख्यात डॉक्टर सुनील कालड़ा जी (Dr. Sunil Kalda) आज उन मरीजों के लिए भगवान के रूप में जाने जाते हैं, जिनकी आर्थिक हालत कमजोर होने के कारण वह अत्यावश्यक प्लास्टिक सर्जरी कराने में असमर्थ होते...
पर्यावरण को समर्पित विशिष्ट पहल: राजीव पाहवा

पर्यावरण को समर्पित विशिष्ट पहल: राजीव पाहवा

पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेक सरकारी योजनाएं एवं विभाग कार्य कर रहे हैं ,फिर भी इसमें अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है ।उज्जैन, मध्य प्रदेश के निवासी श्रीयुत राजीव पाहवा (Rajeev Pahva) जी अपने व्यापार को बंद कर नदी संरक्षण ,पर्यावरण संरक्षण आदि को ही विगत तीन दशकों से...
गरीबों के मसीहा : डॉ हेमंत श्रीवास्तव

गरीबों के मसीहा : डॉ हेमंत श्रीवास्तव

प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनि एवं विद्वतगण विभिन्न बीमारियों, असाध्य रोगों का इलाज जड़ी-बूटी, पौधों आदि से सफलतापूर्वक किया करते थे। शनै: शनै: विज्ञान की प्रगति के चलते एलोपैथी चिकित्सा पद्धति ने प्रमुखता हासिल कर ली तथा आयुर्वेद एवं होम्योपैथी को इसने पीछे धकेल...
हस्ताक्षर में जीवन का प्रतिबिंब देखने वाले कर्म योगी : श्री दीपक राठौर जी

हस्ताक्षर में जीवन का प्रतिबिंब देखने वाले कर्म योगी : श्री दीपक राठौर जी

किसी भी मनुष्य द्वारा हस्ताक्षर करते समय उसका चित्त एवं मनोवृति तथा प्रकृति के बीच एक अलौकिक नाता हो जाता है, भले ही वह अत्यल्प समय के लिए ही होता है, इसीलिए व्यक्ति द्वारा जो हस्ताक्षर किया जाता है उसमें उसके समस्त मनोभाव अंतरित हो जाते हैं। यह बात अलग है कि...