पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेक सरकारी योजनाएं एवं विभाग कार्य कर रहे हैं ,फिर भी इसमें अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है ।उज्जैन, मध्य प्रदेश के निवासी श्रीयुत राजीव पाहवा (Rajeev Pahva) जी अपने व्यापार को बंद कर नदी संरक्षण ,पर्यावरण संरक्षण आदि को ही विगत तीन दशकों से अपना जीवन समर्पित कर दिए हैं । 12 मार्च 1958 को जन्मे श्री पाहवा जी अपने शुरुआती दिनों में पिता श्री अमरनाथ पाहवा जी की तरह व्यवसाय में रत थे। उन दिनों विभिन्न कंपनियों द्वारा देश-विदेश में व्यवसायिक दृष्टिकोण से यात्रा पर आपको भेजा जाता था। यात्रा के दौरान देश के पहाड़, नदियां, वनों की खूबसूरती देखने को मिलती थी लेकिन सभी जगह विविध प्रकार की गंदगी देख मन खिन्न हो जाता था और मन ही मन यह सोचते थे कि कैसे गंदगी इन समस्त सुंदरता को ढक ले रही है। इसी भावना के चलते आपने पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करना प्रारंभ किया। आपने पॉलिथीन के बहुआयामी दुष्प्रभाव को देखते हुए पॉलिथीन विरोधी अभियान चलाना प्रारंभ किया ,वह भी तब जब सरकारें इस दिशा में कुछ सोचती तक नहीं थी। इसके लिए आप जन जागरूकता अभियान चलाने लगे जो अभी भी अनवरत जारी है। कुछ समय उपरांत आपने उज्जैन की शिप्रा नदी की दुर्दशा देख व्यथित हो गए, लोगों को जल की विकट समस्या, नदी में भीषण गंदगी, प्रदूषण का शिकार हो नदी की निर्मलता गायब हो रही थी। इसे देखकर आप ने शिप्रा नदी को स्वच्छ करने के लिए ,लोगों को जागरूक करने को तय किया और लग गए पूरी निष्ठा के साथ। इसके लिए आपके नेतृत्व में 24 जनवरी 2016 को फैमिली हैरिटेज वाक का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के लोगों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया ।इस कार्यक्रम में आप के नाम दो वर्ल्ड रिकॉर्ड, गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ। पर्यावरण के प्रति, नदी प्रदूषण के प्रति, पॉलिथीन के दुष्प्रभाव आदि के प्रति आप लोगों को निरंतर प्रशिक्षित करते रहते हैं तथा अनवरत जन जागरूकता अभियान चलाते रहते हैं। साल 2019 में आपने एक और बेमिसाल कार्य कर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Records) में अपना नाम दर्ज कराया। आपके नेतृत्व में एक ही दिन में 1100 गांव में त्रिवेणी के 1100 वृक्ष लगाए गए साथ में समस्त गांव में पंद्रह, पंद्रह पौधे और लगवाए गए। इस प्रकार पर्यावरण के प्रति अपने आप में यह अनूठा कार्य रहा, जिसकी, चारों तरफ खूब प्रशंसा की गई ।श्री राजीव पाहवा जी आज एक मिसाल बन गए हैं ,आपके कार्यों को देख सभी नतमस्तक रहते हैं ।पर्यावरण संरक्षण के लिए आपकी तपस्या निरंतर जारी है एवं आमजन को जागरूक जागरूक करने की प्रक्रिया भी।
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