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"अच्छाई-बुराई" "इंसान" के "कर्मो" में होती है। कोई "बांस" का "तीर" बनाकर किसी को "घायल" करता है, तो कोई "बांसुरी" बनाकर बांस में "सुर" को भरता है।
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जिंदगी की बैंक में जब प्यार का बैलेंस कम हो जाता है तब हंसी खुशी के चेक बाउंस होने लगते हैं। इसलिए हमेशा अपनों के साथ नज़दीकियां बनाए रखिए।
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नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते है, सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते है। कश्तियां बदलने की जरूरत नहीं दिशा को बदलो तो किनारे खुद-ब-खुद बदल जाते हैं।
जिंदगी को खुलकर जीने के लिए एक छोटा सा उसूल बनाए रोज कुछ अच्छा याद रखें और कुछ बुरा भूल जाए।