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प्रभु का रास्ता बड़ा सीधा है और बड़ा उलझा भी, बुद्धि से चलो तो बहुत उलझा, और भक्ति से चलो तो बड़ा सीधा। विचार से चलो तो बहुत दूर , और भाव से चलो तो बहुत पास, नजरो से देखो तो कण कण मे , औरअंतर्मन से देखो तो जन जन में।
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एक व्यक्ति ने भगवान से पूछा, तुझे कैसे रिझाऊं मैं। कोई वस्तु नहीं ऐसी जिसे तुझ पर चढाऊं मैं, "भगवान ने उत्तर दिया" संसार की हर वस्तु तुझे मैनें ही दी है। तेरे पास अपना सिर्फ तेरा "अहंकार" है,जो मैनें नहीं दिया। उसी को तु मुझे "अर्पण" कर दे,"तेरा जीवन सफल हो जाएगा"
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" बदलने के लिए लड़ना पड़ता है और आसान बनाने के लिए "समझना" पड़ता है। इंसान का स्वभाव इस तरह है जो "लेकर जाना" है उसे "छोड़ रहा" है जो "यहीं रह जाना" है उसे "जोड़ रहा" है।
“किसी के प्रति मन में क्रोध लिये रहने की अपेक्षा उसे तुरंत प्रकट कर देना अधिक अच्छा है, जैसे क्षणभर में जल जाना देर तक सुलगने से अधिक अच्छा है।”