“गुस्सा” माचिस कि एक काड़ी के तरह है जो दूसरों से पहले खुद को जलाता है। “जो सबसे पहले क्षमा मांगता है वह सबसे बहादुर है, जो सबसे पहले क्षमा करता है वह सबसे शक्तिशाली है और जो सबसे पहले भूल जाता है वह सबसे सुखी।”
by Newspositive
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बोलना और प्रतिक्रिया करना जरूरी है लेकिन,संयम और सभ्यता का दामन नहीं छूटना चाहिए। हमारे जीवन में अच्छे लोगों का महत्व दिल की धड़कनों की तरह ही है, वह दिखाई नहीं देते लेकिन हमारे जीने का सहारा हैं।
तमन्नाएं भी उम्र भर कम नहीं होंगी, समस्याएं भी कभी हल नहीं होंगी! फिर भी हम जी रहे हैं वर्षों से इस तमन्ना में, कि मुश्किलें जो आज हैं, शायद कल नहीं होंगी!!
"कल्पनाएं" लिखना जितना आसान होता है, "भावनाएं" लिखना उतना ही मुश्किल। मौन और मुस्कान दोनो का इस्तेमाल कीजिए, मौन, रक्षाकवच है, तो मुस्कान, स्वागत द्वार।