ममत्व के नायाब खजाने से प्रकृति ने मात्र माँ को ही नवाजा है। इस खजाने के अक्षय कोष का अमृत रूपी रसपान करने का सौभाग्य अनेक मनुष्यों को नहीं मिल पाता है। परमपिता परमेश्वर समय-समय पर धरती पर ऐसी देवियों को भेजते रहते है जो अनाथ और बेसहारा लोगों के लिए माँ के आंचल का सुख...
गरीब बच्चों की पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था कराना ,वृद्ध बेसहारा जनों की देखरेख की जिम्मेदारी उठाना, दृष्टिबाधित जनों की हर तरह से मदद करना, दिव्यांग जनों को विविध प्रकार के उपकरण आज की व्यवस्था कराना, नेत्रदान तथा देहदान के लिए लोगों को जागरूक कराना, मतदान जैसे राष्ट्रीय...
पीढ़ी दर पीढ़ी मानव सभ्यता का चलते जाना, मनुष्य की सृजनशीलता के कारण ही होता है। इस सृजनहार शक्ति का आधार बिंदु एक स्त्री होती है। इसी प्रकार संपूर्ण प्रकृति की शक्ति का आधार नारी को माना जाना कतई अनुपयुक्त नहीं होगा। संतान को अपने पेट में पालने से लेकर उत्पत्ति तक की...
पुलिस की वर्दी देखते ही क्रूर, संवेदनहीन, करुणा दया से रहित मनुष्य का चेहरा सामान्य तौर पर मन मस्तिष्क में उभरता है। यह सत्य है कि सामाजिक मूल्यों में अवमूल्यन आने से अन्य क्षेत्रों की तरह पुलिस महकमे में भी आने वाले व्यक्तियों पर इसका असर पड़ना आस्वाभाविक नहीं था...
भारतीय समाज में किन्नरों (transgender) की उपस्थिती प्राचीनकाल से ही रही है। विविध पौराणिक ग्रंथों में इनका उल्लेख मिलता है। रामायण काल और महाभारत काल में तो इनका प्रमुखता से वर्णन है। हर वर्ग द्वारा दुर्भाग्य से समाज के एक घटक के रूप में इनको प्रायः नजर अंदाज किया...
आज “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” (Save girl child campaign) आदि नारों के साथ सरकार बेटियों के प्रति समाज को जागरूक एवं जिम्मेदार बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। नाना प्रकार के कार्यक्रम, विभिन्न प्रकार की योजनाएं बेटियों के लिए संचालित हैं। इनका गुणवत्ता परक...