Related Posts
-
एक व्यक्ति ने भगवान से पूछा, तुझे कैसे रिझाऊं मैं। कोई वस्तु नहीं ऐसी जिसे तुझ पर चढाऊं मैं, "भगवान ने उत्तर दिया" संसार की हर वस्तु तुझे मैनें ही दी है। तेरे पास अपना सिर्फ तेरा "अहंकार" है,जो मैनें नहीं दिया। उसी को तु मुझे "अर्पण" कर दे,"तेरा जीवन सफल हो जाएगा"
-
गलती करना सफलता का पहला कदम नहीं है बल्कि की गई गलती को सुधारना सफलता का पहला कदम है।
-
आप अकेले बोल तो सकते है,परन्तु बातचीत नहीं कर सकते। आप अकेले आनन्दित हो सकते है,परन्तु उत्सव नहीं मना सकते। अकेले आप मुस्करा तो सकते है परन्तु हर्षोल्लास नहीं मना सकते हम सब एक दूसरे के बिना कुछ नहीं हैं यही रिश्तों की खूबसूरती है।
बात इतनी मीठी रखो की कभी वापिस लेनी पड़ जाए तो ख़ुद को कड़वी ना लगे।