क्या खुब कहा है किसी ने, बीतता वक़्त है, लेकिन। ख़र्च हम हो जाते हैं। कैसे “नादान”है हम दुःख आता है। तो,”अटक” जाते है! औऱ सुख आता है तो “भटक” जाते हैं।
by Newspositive
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पानी का असली स्वाद तब पता लगता है जब हम बहुत प्यासे होते हैं। ठीक उसी तरह प्रेम और सहयोग का पता तब चलता है जब हम बहुत कठिनाई में होते हैं।
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किसी एक के चले जाने से, सब कुछ कभी खत्म नहीं हो जाता, एक नया सवेरा, आपका इंतजार कर रहा होता है। प्रेम एक ऐसा एहसास है, जो मनुष्य को कभी हारने नहीं देता। "और" नफ़रत एक ऐसा अनुभव है, जो मनुष्य को कभी जीतने नहीं देता. जीवन में निरंतर नेक कार्य करते रहें, कोई आपका सम्मान करे या ना करे, आपकी अंतरात्मा, सदैव आपको सम्मानित करती रहेगी।
क्या खुब कहा है किसी ने, बीतता वक़्त है, लेकिन। ख़र्च हम हो जाते हैं। कैसे “नादान”है हम दुःख आता है। तो,”अटक” जाते है! औऱ सुख आता है तो “भटक” जाते हैं।