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अपने स्वभाव को हमेशा सूर्य की तरह रखिए, ना उगने का अभिमान ना डूबने का डर। जीवन में तूफान आने भी ज़रूरी हैं क्यूंकि तभी पता चलता है कि कौन हाथ पकड़ता है, कौन हाथ छोड़ देता है।
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कर्मों की आवाज़ शब्दों से भी ऊँची होती है I यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए I आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए तब तक कमाओ जब तक "महंगी" चीज "सस्ती" ना लगने लगे चाहे वो सामान हो या सम्मान।
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"खामोश" चहरे पर हजारो पहरे होते है। हँसती "आँखों" में भी ,"जख्म" गहरे होते है, जिनसे अक्सर "रूठ" जाते है हम, असल में उनसे ही, रिश्ते ज्यादा "गहरे" होते है।
बात इतनी मीठी रखो की कभी वापिस लेनी पड़ जाए तो ख़ुद को कड़वी ना लगे।