मानव सेवा को समर्पित चिकित्सक: डॉ अनुराग श्रीवास्तव

मानव सेवा को समर्पित चिकित्सक: डॉ अनुराग श्रीवास्तव

जिस प्रकार सैनिक देश की रक्षा करते हैं उसी प्रकार डॉक्टर पूरे समाज के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं। डॉक्टर जीवन के उद्धारकर्ता होते हैं। चिकत्सक जो सेवा समाज को दे सकते वो सेवा कोई दूसरा नहीं कर सकता। विभिन्न बीमारियों की दवाएं तथा उपचार जो पहले संम्भव नहीं थे, पर अब...
कलम से किन्नरों की जिंदगी संवारने में सन्नद्ध शख्सियत: वर्षा गलपांडे

कलम से किन्नरों की जिंदगी संवारने में सन्नद्ध शख्सियत: वर्षा गलपांडे

वैश्विक स्तर पर महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment), नारी उत्थान (Women devlopment), स्त्री विमर्श आदि के दौर में क्या अभी भी इनके प्रगति के रास्ते उतने ही सहज हैं जितने का दिखावा विभिन्न मंचों पर, बड़ी-बड़ी विचार गोष्ठियों में, सेमिनार-सम्मेलनों आदि में देखने-सुनने...
समाज एवं संस्कृति के उन्नयन में समर्पित: प्रो. सुधा राय

समाज एवं संस्कृति के उन्नयन में समर्पित: प्रो. सुधा राय

साहित्य (Literature) का अविर्भाव समाज से ही होता है जिसे साहित्यकार अपने भाव के साथ मिलाकर उसे एक आकार देता है। यही रचना समाज के नवनिर्माण में पथ-प्रदर्शक की भूमिका निभाने लगती है। साहित्यकार वह सशक्त माध्यम है जो समाज को व्यापक रूप से प्रभावित करता है। वह समाज में...
गरीबों के मसीहा: डॉक्टर जिग्नेश हडियाल

गरीबों के मसीहा: डॉक्टर जिग्नेश हडियाल

स्वास्थ्य मनुष्य का अमूल्य धन होता है,एक स्वस्थ व्यक्ति मेहनत करके सफलता के शिखर को छू सकता है। परंतु स्वास्थ्य बिगड़ जाने पर व्यक्ति अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग नहीं कर पाता, ऐसी स्थिति में हमें डॉक्टर की मदद लेनी पड़ती है। डॉक्टर का जीवन सेवा और साधना का होता है।...
इंसानियत की मिसाल: इंस्पेक्टर विनोद कुमार सिंह जी

इंसानियत की मिसाल: इंस्पेक्टर विनोद कुमार सिंह जी

वर्तमान दौर में निजता की परिधि इतनी संकुचित हो गई है कि उसकी सूनी गुफाओं में मानवता का दम घुटता नजर आता है। समाज के प्रत्येक क्षेत्र में सेवारत व्यक्ति अपने एवं अपनों के मोह से ही नहीं उबर पा रहे हैं ऐसी हालात में सबसे निचले पायदान पर खड़े, लड़खड़ा रहे व्यक्ति तथा...
बेसहारों की सहारा: गुंजन बिष्ट अरोड़ा जी

बेसहारों की सहारा: गुंजन बिष्ट अरोड़ा जी

भारत कृषि प्रधान एवं ग्रामीण प्रधानता वाला देश है। आबादी का एक विशाल हिस्सा अभी भी गाँव में रहता है। यह एक दुर्भाग्य का विषय है कि काफी संख्या में गरीब, बेरोजगार आज भी हमारे देश में हैं और अत्यंत ही खेद का विषय यह है कि देश के हर कोने में भीख मांगने वालों की भी बड़ी...