संगीत और योग के अनोखे आचार्य: डॉक्टर बलराम आर्य

संगीत और योग के अनोखे आचार्य: डॉक्टर बलराम आर्य

संगीत (Music) अपने आप में बेमिसाल साधना होती है और इससे जुड़ा साधक एक योगी ही होता है। भारतीय धरती पर ऐसे-ऐसे साधकों का जन्म होता रहा है जो एक साथ एक से अधिक विधाओं में प्रवीण होते हैं। हरियाणा के फरीदाबाद में मिर्जापुर गाँव (Mirzapur, Faridabad, Haryana) के निवासी...
पद्म मयूर आसन के योग पुरुष: कपिल कुमार

पद्म मयूर आसन के योग पुरुष: कपिल कुमार

योग सही तरीके से जीवन जीने का एक विज्ञान है इसलिए इसे दैनिक जीवन में सम्मिलित किया जाना परम आवश्यक होता है। यह व्यक्ति के जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, आध्यात्मिक एवं भावनात्मक सभी पहलुओं पर कार्य करता है। योग का अर्थ होता है एकता या बन्धन। इस शब्द का मूल संस्कृत भाषा...
मानवता को समर्पित योग साधक: डॉ आर सी पटेल

मानवता को समर्पित योग साधक: डॉ आर सी पटेल

मनुष्य के जीवन को बचा लेना और रोगमुक्त कर देने से भी कीमती कोई और काम नहीं होता है इसीलिए चिकित्सक (Doctor) को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वर्तमान परिवेश में नित नूतन बीमारियां उत्पन्न हो रही है, लेकिन प्रसन्नता का विषय यह है कि आयुर्वेद एवं योग के माध्यम से...
योग के उगते सूर्य : योगाचार्य आशीष शर्मा

योग के उगते सूर्य : योगाचार्य आशीष शर्मा

योग को वैश्विक स्तर पर घर-घर में पहुंचाने वाले तथा जन-जन के बीच में लोकप्रिय करने वाले परम पूज्य स्वामी रामदेव जी (Swami Ramdev ji) ने जो कार्य किया है वह भारतीय संस्कृति के प्रति अनूठा योगदान है तथा इतिहास के स्वर्णिम अध्याय के रूप में अनंत काल तक दर्ज रहेगा। आज सबसे...
योग एवं प्रकृति में तादात्म्य स्थापित करने वाले प्रेरणा पुंज:  श्री हरिचंद्र गर्ग जी

योग एवं प्रकृति में तादात्म्य स्थापित करने वाले प्रेरणा पुंज: श्री हरिचंद्र गर्ग जी

घर की फुलवारी में 7 फुट 2 इंच का गेंदे का पौधा उगाने वाले तथा 7 फुट 5 इंच का तुलसी का पौधा उगाने वाले फरीदाबाद निवासी 70 वर्षीय श्री हरिचंद्र गर्ग जी (Mr. Hari chandra Garg) एक तरफ प्रकृति की इतनी गहन साधना करते हैं, तो दूसरी तरफ इस आयु में कठिन योग क्रियाओं से भी सभी...
स्वच्छता दूत: रिपुदमन बेवली

स्वच्छता दूत: रिपुदमन बेवली

पहला सुख निरोगी काया, एक बहुत पुरानी कहावत एवं शाश्वत सत्य है जिसे हजारों वर्षों से लोग समझते आए है। निरोगी अर्थात स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है जिसे हर इंसान को समझना ही पड़ता है। कुछ बचपन से ही समझ जाते है, कुछ युवा अवस्था में समझते है नहीं तो बुढ़ापे में तो सभी को...