एक्युपंचर थेरेपी (Acupuncture therapy) मूल रूप से चीन (China) की उपचार की प्राचीनतम विधि है। इसका प्रारंभिक लिखित अभिलेख चीनी ग्रंथों में मिलता है। दर्द से राहत दिलाने या चिकित्सा प्रयोजनों के लिए शरीर के विभिन्न बिंदुओं में सुई चुभाने (लगाने) और हस्त कौशल की प्रक्रिया एक्यूपंचर है। यह चीनी परंपरागत चिकित्सा पद्धति आज 183 देशों में विस्तारित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organizations) ने इस चीनी परंपरागत चिकित्सा को अंतरराष्ट्रीय बीमारियों के वर्गीकरण के 11 वें संशोधन में शामिल किया है। अब तक 103 सदस्य देशों ने एक्यूपंचर के प्रयोग को मान्यता दी है, जिसमें से 29 देशों ने इस चिकित्सा पद्धति के लिए कानून और नियम भी बनाए हैं।

भारत में भी एक्यूपंक्चर के जरिए कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के विशेषज्ञ हैं जो सफल इलाज कर रहे हैं। ऐसे ही एक विशिष्ट चिकित्सक हैं नोएडा के निवासी डॉ बी एस तनेजा जी (Dr. B S Taneja)। 9 अगस्त 1954 को श्रीयुत डॉक्टर जे एल तनेजा जी एवं श्रीमती राजकुमारी तनेजा जी के आंगन में जन्मे श्री डॉ बी एस तनेजा जी ने उत्कृष्ट छात्र के रूप में बैचलर ऑफ़ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS) की शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार (Gurukul Kangdi Vishwavidyalaya) से क्लिनिकल साइकोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट किया। वर्ष 1985 में एक्यूपंक्चर थेरेपी में डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन (MD) करने के उपरांत M.I.C.C.M., Delhi और M.I.C.Ac., Beijing की मेम्बरशिप ली। इसके बाद आप चिकित्सक के रूप में सेवाएं देने लगे। विगत लगभग चार दशकों से आप लोगों को एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्धति द्वारा इलाज कर स्वस्थ कर रहे हैं। विषय में अद्भुत पकड़ के चलते दिनों दिन आप की प्रसिद्धि बढ़ती गई तथा आप काफी दूर -दूर तक विख्यात हो गए। 1 दिसंबर 1993 को कोलकाता में आयोजित अंतरराष्ट्रीय एड्स दिवस के अवसर पर आपकी एक्यूपंक्चर में असाधारण योग्यता तथा सराहनीय सेवाओं को दृष्टिगत रखते हुए इंडियन बोर्ड ऑफ़ अल्टरनेटिव मेडिसिन्स द्वारा आपको गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। यह सम्मान आपको श्रीमती रेणुका चौधरी ऑनरेबल यूनियन मिनिस्टर ऑफ़ हेल्थ द्वारा दिया गया था। इसके बाद और भी कई सम्मानों से विभूषित किया गया।

आज आप नोएडा में अपने साइको -एक्यूपंक्चर एंड मेडिकेयर सेन्टर (Psycho-Acupuncture & Medicare Center, Noida) में लोगों को सभी मॉर्डन सुविधाओं के साथ एक्युपंचर और साइकोलॉजी का उपयोग करके उन असाध्य रोग की चिकित्सा करते है जिनका इलाज सामान्यतया मुश्किल है, आपके पास वो मरीज आते है, जिन्हें एलोपैथिक या अन्य किसी चिकित्सकीय विधाओं में इलाज करवाकर थक जाने के बाद भी रिजल्ट नहीं मिलता जैसे माइग्रेन (गंभीर सिरदर्द), आर्थराइटिस पेन (जोड़ो का दर्द), नैक पेन (गर्दन दर्द) , पैरालिसिस (लकवा), अस्थमा, एलर्जी, स्लिप डिस्क (रीढ़ की हड्डी से सम्बंधित), बैक पेन (कमर दर्द), सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस (गर्दन और कंधे का दर्द), ब्लड क्लॉट (खून जमना), नी पेन (घुटने का दर्द), याददाश्त कम होना या नर्व सिस्टम से सम्बंधित बीमारिया या अन्य दर्द के लिए आपके पास आते है। इसके लिए जैसी समस्या होती है उसके अनुसार आपको टाइम देना होता है। अभी तक आप पचास हजार (50000) से अधिक लोगो अपनी सेवा दे चुके है,आपका पहला लक्ष्य अपने मरीज को ठीक करना ही होता है आप यह कार्य केवल जीविकार्जन के लिए लिए ही नहीं करते, अपितु सेवा भाव के लिए करते है। सबसे बड़ी बात है आप अपने आप को हमेशा अपडेट रखते है, इसके लिए हमेशा वर्ल्ड क्लास डॉक्टर्स के संपर्क में रहते है। आपके पिताश्री डॉक्टर जे एल तनेजा जी एक बहुत ही सुप्रसिद्ध डॉक्टर थे और वो कहा करते थे, “तुम्हे डॉक्टर इसलिए बनाया है, कि तुम मनुष्य की सेवा कर सको” आज भी उनके शब्दों को याद रख आप अपने मरीजों उसी सेवा भाव से देखते है यही कारण है की आप की प्रसिद्धि केवल नोएडा शहर में ही नहीं अपितु पूरे उत्तरप्रदेश में है। आज भी कोई ऐसा व्यक्ति आता है, जो आपकी फीस देने में समर्थ नहीं है उसका आप फ्री इलाज कर एक अच्छे डॉक्टर का फर्ज निभाते है।


आपने एक्यूपंक्चर चिकित्सा हेतु प्रयुक्त की जाने वाली सुईयों (Needles) का बहुत बड़ी संख्या में संग्रहण कर रखा है। एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्धति में इतनी अधिक संख्या में उपयोग कि जा चुकी सुइयों के संग्रहण को दृष्टिगत रखते हुए एक बार आपके एक परिचित द्वारा इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने का सुझाव दिया गया। फलस्वरूप विश्व विख्यात संस्था गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Golden Book of World Records) के कार्यालय से संपर्क कर आवेदन प्रेषित किया। वेरिफिकेशन के बाद दिसंबर 30, 2014; में एक्यूपंक्चर में प्रयुक्त की जाने वाली 10640 चिकित्सकीय सुईओं का विशाल संग्रहण होने के चलते लार्जेस्ट कलेक्शन आफ एक्यूपंक्चर निडिलस (Largest Collection of Acupuncture Needles) नामक शीर्षक से गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में आपका नाम दर्ज हो गया। इस अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि पर आपकी चारों तरफ खूब प्रशंसा हुई परंतु आप फिर भी अपनी इस सेवा साधना में रत हो विभिन्न प्रकार की बीमारियों से परेशान लोगों को पुनः स्वास्थ्य बनाने के अभियान में लगे है।