अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ – इस्कॉन (International Society for Krishna Consciousness) एक वैदिक धर्मिक संगठन है जो कृष्ण भक्ति के माध्यम से देश-दुनिया में लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान करता है। संगठन का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) के प्रति श्रद्धा और प्रेम को प्रोत्साहित करना और लोगों को वैदिक धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के माध्यम से आध्यात्मिक जीवन की दिशा में मार्गदर्शन करना है। इस्कॉन के अनुयायी भगवान कृष्ण की पूजा, भगवद गीता का अध्ययन, कीर्तन (भगवान के नाम की महिमा का गान), और वैष्णव धर्म के मूल तत्वों का पालन करते हैं।

इस्कॉन के संस्थापक एक प्रमुख आध्यात्मिक गुरु और भक्ति योग के प्रमुख प्रचारक थे जिनका नाम अभय चरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद (Abhaycharanavinda Bhaktivedanta Swami Prabhupada) हैं, जिन्हें “स्वामी श्रील भक्तिवेदांत प्रभुपाद” के नाम से भी जाना जाता है। स्वामी प्रभुपाद जी का जन्म 1 सितंबर 1896 को हुआ था और उन्होंने इस्कॉन की स्थापना 1966 में न्यूयॉर्क सिटी में की थी। स्वामी प्रभुपाद ने भगवद्गीता के उपदेशों को आध्यात्मिक जीवन में अमल करने का संदेश दिया और वैदिक धर्म के प्रमुख सिद्धांतों का प्रचार किया। उन्होंने इस्कॉन को एक आध्यात्मिक संस्था के रूप में स्थापित किया, जिसका उद्देश्य भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और ज्ञान को बढ़ावा देना था। स्वामी प्रभुपाद का कार्य बहुत महत्वपूर्ण था, और उन्होंने विश्वभर में कृष्ण भक्ति का प्रचार किया और भगवद्गीता की गुढ़ अर्थों को समझाया। उनका प्रयास आध्यात्मिकता और वैदिक धर्म के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न दुनियाभर के मंदिरों की स्थापना की और भक्तों के लिए सबसे पवित्र स्थल के रूप में वृंदावन और मायापुर को स्थापित किया। स्वामी प्रभुपाद का योगदान आज भी इस्कॉन संस्था में जीवित है और उनकी विचारधारा आध्यात्मिक जीवन में लोगों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ की अनुषांगिक संस्था इस्कॉन प्रीचिंग सेंटर, सुन्दर नगर, रायपुर (ISKON Preaching Center, Sunder Nagar, Raipur) द्वारा ‘108 गोपाल महाभिषेक’ कार्यक्रम का विशेष आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ इस्कॉन यूथ के निर्देशक श्री तमाल कृष्ण दास प्रभु जी के मार्गदर्शन में आयोजित इस महाभिषेक कार्यक्रम में भक्तो द्वारा 108 गोपाल का पंचामृत, गंगाजल, 108 कुंडो के जल, पाँच प्रकार के फलों के रस, दूध, घी, शहद एवं इत्र आदि से अभिषेक किया गया। एक ही स्थान पर एक साथ सर्वाधिक श्री कृष्ण जी की प्रतिमाओं के महाभिषेक कर इस्कॉन प्रीचिंग सेंटर रायपुर द्वारा एक विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया जिसे गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) में “Largest Krishna Idol Abhishek Ceremony” के शीर्षक के साथ दर्ज किया गया। जिसका सर्टिफिकेट कार्यक्रम में उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई जी (Dr. Manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) द्वारा प्रदान किया गया।

सिद्धार्थ स्वामी महाराज की उपस्तिथि में महाभिषेक के बाद भगवान श्री कृष्ण को 501 प्रकार के विशेष भोग लगाये गए जिसके पश्चात 108 दीपों से भव्य आरती के बाद भव्य कीर्तन का आयोजन किया गया। कीर्तन में भक्तों के नृत्य से यह विशेष कार्यक्रम संपन्न हुआ। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर आयोजित इस आयोजन का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्वर्णाक्षरों में अंकित होने पर श्री तमाल कृष्ण दास प्रभु जी को श्री वेद व्यास दास,  भक्त वत्सल्य दास, दयानिधि दास, संकीर्तन चेतन्य दास, रोहित कृष्णा दास,चन्द्र कुमार साहू, कृष्णा सखी राधिका देविदासी, अनीता देविदासी, रिचा देविदासी एवं अन्य भक्तजनों  ने बधाई दी।