घर में जब बच्चे का जन्म होता है तो माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। इस ख़ुशी के मौके पर पूरा परिवार और यहां तक कि रिश्तेदार खुशियां मानते है। ऐसे में माता-पिता बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए और बीमारियों से बचाने के लिए कुछ प्राचीन संस्कार अपनाते हैं, ताकि बच्चा निरोगी और बीमारियों से लड़ने में पूरी तरह से सक्षम रहे। प्राचीन संस्कारो में से एक है स्वर्ण प्राशन (Suvarnaprashan) संस्कार, यह सनातन धर्म के 16 संस्कारों में से एक संस्कार है जो बच्चे के जन्म से लेकर 16 वर्ष की आयु तक कराया जाता है। स्वर्ण प्राशन संस्कार आयुर्वेद चिकित्सा की वह धरोहर है जो बच्चों में होने वाली मौसमी बीमरियों से रक्षा करता है। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य में स्वर्णप्राशन की बहुत अच्छी भूमिका निभाता है। स्वर्णप्राशन एक पूर्णतया आयुर्वेदिक प्रतिवेध विधि हैं, जो हजारो वर्षो से उपयोग में लायी जा रही है।

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में पुष्य नक्षत्र के दिन एक विशेष आयोजन हुआ, जिसमे शहर की डॉ. सुषमा खंडेलवाल ने बच्चों को स्वर्णप्राशन ड्राप पिलाकर स्वर्णप्राशन संस्कार किया चूँकि ये संस्कार एक बड़ी संख्या में किया गया अतः डॉ. सुषमा खंडेलवाल ने इसे एक विश्व रिकॉर्ड के रूप में दर्ज करने का विचार किया और उन्होंने गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) को एप्लीकेशन के द्वारा इस आयोजन की जानकारी साझा की। गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) की टीम के द्वारा वर्ल्ड रिकॉर्ड की एप्लीकेशन के अप्रुवल के बाद 17 अक्टूबर 2022 को पुष्य नक्षत्र के दिन डॉ. सुषमा खंडेलवाल ने 213 बच्चो को एक आयोजन के दौरान स्वयं श्लोक पढ़कर स्वर्णप्राशन ड्राप दिया, इस पूरे स्वर्णप्राशन संस्कार के आयोजन को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में “Largest Swarnaprashan Feat in a Relay” शीर्षक के साथ दर्ज किया। मौके पर मौजूद GBWR के एशिया हेड, डॉ. मनीष विश्नोई ने डॉ. सुषमा खंडेलवाल को वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट, मैडल देकर एवं बैज लगाकर सम्मानित किया।

डॉ. सुषमा खंडेलवाल जो की एक विख्यात नाडी वैद्य भी है आपने गत 15 वर्षों में हजारो बच्चों का स्वर्णप्राशन संस्कार करवा चुकी हैं और स्वयं बच्चों के ड्रॉप भी बनती हैं। डॉ. सुषमा ने बताया इसमें उच्चतम स्तर की 15 औषधियों को गिर गाय के घी में संस्कारित की जाती हैं फिर इसमें शहद एवं स्वर्ण मिलाया जाता हैं। इसके दो डोज़ होते है एक जो घर पर दिया जाता हैं और एक बूस्टर डोज़ जो विशेषज्ञ द्वारा विशेष श्लोक पढ़कर दिया जाता हैं। स्वर्णप्राशन से बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति, स्मरण शक्ति, बौद्धिक क्षमता, शारीरिक विकास और पाचन शक्ति बढ़ती हैं और कई बिमारियों में भी बच्चों के किये बहुत फायदेमंद होती हैं।