नवरात्री के 9 दिनों में भक्तों द्वारा माता दुर्गा के 9 विभिन्न स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाती हैं।  प्रत्येक दिन माता के एक अलग रूप को समर्पित होता है, पहला दिन माँ शैलपुत्री को समर्पित है, दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी को, तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा को, चौथा दिन माँ कुष्मांडा को, पांचवां दिन माँ स्कंदमाता को, छठा दिन माँ कात्यायनी को, सातवां दिन माँ कालरात्रि को, आठवां दिन माँ महागौरी को और नौवां एवं अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री को समर्पित रहता हैं। माँ की पूजा में सोलह श्रंगार की सामग्री अर्पित किया जाता है एवं माता को चुनरी भी चढ़ाई जाती है।

दैनिक भास्कर, बांसवाड़ा ने नवरात्री के इस पावन त्यौहार को अपने पाठकों के लिए विशेष और अविस्मर्णीय बना दिया गया। दैनिक भास्कर द्वारा नवरात्री के प्रथम दिवस प्रातःकाल बांसवाड़ा जिले के पाठकों के घरों में अपने समाचार पत्र के साथ पूजन हेतु कुम-कुम, चावल और माँ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में पूजित चुनरी पहुंचाई गयी और साथ में माँ त्रिपुरा और मंदिर से जुड़े कुछ रोचक और अनसुनी जानकारी भी अपने विशेष अंक के साथ पाठकों को साझा की गयी। समाचार पत्र में माध्यम से सर्वाधिक संख्या में चुनरी और कुम-कुम का घर-घर वितरण करने के दैनिक भास्कर, बांसवाड़ा द्वारा किये गए इस उत्कृष्ट कार्य को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Golden Book of World Records) द्वारा “Largest Distribution of Chunari – Kumkum with Newspaper” के शीर्षक के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया। भास्कर द्वारा किये गए इस कार्य की पाठकों द्वारा बहुत सराहना की गयी एवं समाचार पत्र के माध्यम से घर आई इस पूजन सामग्री को सहर्ष स्वीकार कर आभार प्रस्तुत किया। गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के एशिया हेड, डॉ. मनीष विश्नोई जी (Dr. manish Vishnoei, Asia Head, GBWR) द्वारा दैनिक भास्कर, बांसवाड़ा का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में स्वर्णक्षरों में अंकित होने पर शुभकामना प्रेषित की गयी।

इस अति विशिष्ट कार्य को मूर्तरूप प्रदान करने के लिए दैनिक भास्कर, बांसवाड़ा की टीम द्वारा 15 दिनों से तैयारी की जा रही थी। यह आस्था से जुड़ा कार्य था इसलिए हर प्रकार की सावधानी के साथ सम्पादकीय विभाग और अखबार वितरकों की टीम द्वारा इस कार्य को बड़ी कुशलता के साथ संपन्न किया गया। इस कार्य को सफल बनाने के लिए माँ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर प्रशासन के साथ-साथ शहर के प्रसिद्ध श्याम प्यारे स्वीट्स के श्री संजय मारवाड़ी जी का भी विशेष योगदान रहा।